शिर्षक - मैं तुझे कफ़न भेजता हूँ ...
लेखक - मनोज कुमार जाटवर, एक बात कहूं तेरी क्रुरता पर, मै तूझे कफ़न भेजता हूँ ... मैने खबर सुना है उस मासूम की, सिहर उठा तन मन और जमिर मेरा, आतिश से भरा हूँ पर बात है शक्ति विहिन की पकड़ रखा है कानून ने हाथ मेरा, अमलन आज तू देश से विहिन होता, एक बात कहूंगा तेरी क्रुरता पर, मै तूझे कफ़न भेजता हूँ ... कब तलक चलता रहेगा अदालत मे केस ऐसा देश कि बेटियों से ही पुछो कैसा हो परिणाम तेरा, और यकिन कर मेरा, वो कहेंगी कि गोलियों की बौछार से हो न्याय तेरा, पर इन्तिकाम,इब्रत से नहीं मीटेगी घटना ऐसी, हो नियम ऐसा जिससे कान्पे रूह तेरा ll एक बात कहूं तेरी क्रुरता पर, मै तूझे कफ़न भेजता हूँ ...